यह छोटे और मझोले शहरों में योजना का सबसे लोकप्रिय घटक है, जिसमें हितग्राही अपने घर का निर्माण खुद ही करता हैं।योजना के अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (AHP) घटक में हितग्राहियों को बैंकों से ऋण लेने की कठिनाई को दूर करने के लिये विभाग द्वारा त्रिपक्षीय अनुबंध के जरिये नगरीय निकायों की जिम्मेदारी पर हितग्राहियों को सुगमतापूर्वक ऋण दिलाया है। साथ ही शहरी क्षेत्र के पंजीकृत गरीब निर्माण श्रमिक, जो हितग्राही-अंश की पूर्ति करने में सक्षम नहीं है, उनके लिये प्रधानमंत्री आवास योजना में तय राशि के अलावा एक लाख रूपये तक का अतिरिक्त अनुदान मुख्यमंत्री भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार आवास योजना से दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि ए.एच.पी. घटक में राज्य व केंद्रीय अनुदान से गुणवत्तापूर्ण किफ़ायती आवास निर्माण कर शहरी आवासहीन परिवारों को उपलब्ध कराया जाता है। योजना की गति बढ़ाने और हितग्राहियों को प्रोत्साहित करने के लिये समय-समय पर राशि वितरण, गृह प्रवेश, भूमिपूजन के साथ हितग्राही संवाद कार्यक्रम भी प्रदेश में लगातार किये जा रहे हैं।नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बेहतर क्रियान्वयन के लिये विभागीय अधिकारियों को सतत् समीक्षा करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि केन्द्र सरकार, राज्य सरकार एवं नगरीय निकायों के सहयोग से प्रदेश के सभी आवासहीन परिवारों के ‘खुद का घर’ के सपने को साकार किया जायेगा।